रिटायर्ड शिक्षक सुरेंद्र कुमार आर्य की कहानी उनकी जुवानी

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रिटायर्ड शिक्षक की कहानी उनकी जुवानी |

ईसागढ़ (ऊष्मा की आवाज)
ग्राम पंचायत पिपरोल में रहने वाले जिनका जन्म 1962 मैं हुआ |
श्री सुरेंद्र कुमार आर्य श्री अमर चंद्र आर्य इनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ, इनके चार भाई तीन बहने परिवार में सबसे बड़े हैं, प्राथमिक शिक्षा ग्राम पिपरोल में प्राप्त की, कक्षा 7 में ग्राम अजलेश्वर ,कक्षा 3 क्लास से रामायण को पढ़ना चालू किया |
माध्यमिक कक्षा 8 अपने मामा जी के यहां ग्राम खतौरा में शिक्षा ग्रहण की, शासकीय मिडिल स्कूल शिवपुरी जिला शिवपुरी आदिम जाति छात्रावास में कक्षा 11 तक शिक्षा ग्रहण की,बी ऐ फस्टईयर नेहरू महाविद्यालय में अध्ययन करते समय फॉर्म भरा इनका सिलेक्शन हुआ |
सबसे पहले बजरंगगढ़ में 2 वर्ष के लिए ट्रेनिंग के लिए भेजा गया | प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद जुलाई 1983 में ग्राम ढाकोनी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई, और 1983 से 2002 तक कार्यरत रहे |
फिर 2003 से 2013 तक सिंगपुर प्राथमिक विद्यालय में रहे | वहां से प्रमोशन होकर माध्यमिक विद्यालय छपरा में पदस्थ हुए, 2013 से 2024 जुलाई 11 अगस्त 05 माह माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ रहकर कार्य किया |
2081 से संपूर्ण सर्विस जुलाई 2024 / 43 वर्ष 05 माह शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दी |
शिक्षण कार्य आर्ट विषय और गरीब परिस्थितियों में अपना जीवन यापन किया | इन्होंने ₹150 में भी मजदूरी की है इनका विवाह सन 1979 में हुआ |
इनकी पहली संतान बिटिया ने जन्म लिया | 1991 मैं लड़के ने जन्म लिया | सन 1994 में दूसरे लड़के ने जन्म लिया | 
उनके कुल चार संतान हैं | बड़ा लड़का अरविंद आर्य B.A.D.AD.G.N.M. छोटा लड़का पुष्पेंद्र आर्य B.A.BBA. वर्तमान में पुलिस विभाग में 2022 से सेवा कर रहे हैं |
रिटायरमेंट होने के बाद आगे इनका समाज सेवा सभी धर्म सामान्य शिक्षा को लेकर गरीबों के लिए हमेशा सेवा करने को तत्पर रहते हैं |

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