किसानों के साथ हो रही खुलेआम लूट नहीं दिया जा रहा है खाद की रसीद

ऊष्मा की आवाज
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 *जयसिंहनगर (राजेन्द्र शर्मा)*दै


निक ऊष्मा की आवाज़  रेट से ज्यादा की कीमत मे धडल्ले से बिक रही खाद

मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की आय को दुगनी करने के लिए दिनोदिन नई योजनाए लागू की जा रही है और अन्य कई माध्यमो से किसानों की सहायता के लिए प्रयास किये जा रहे है इसी के तहत खाद बीज के दुकानों को विभाग के द्वारा लाइसेंस जारी करके खाद बीज की बिक्री के लिए अनुमति प्रदान की गयी है जिससे सरकारी खाद बीज दुकानों के बन्द होने पर किसानों को परेशान न होना पड़े और उनको आसानी से उनकी जरुरत के सामान आसानी से उपलब्ध हो जाये लेकिन खाद बीज के दुकानदारों के द्वारा इसके विपरीत अपने व्यक्तिगत लाभ को आगे रखते हुए किसानों के साथ लूट की जा रही है जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है


*क्या है मामला*


 शहडोल जिले के विकासखण्ड जयसिंहनगर के अंतर्गत ग्राम करकी मे कृषि विभाग के द्वारा एक स्थानीय व्यापारी को खाद बीज की बिक्री के लिए लाइसेंस प्रदान करके खाद बीज बेचने के लिए अनुमति प्रदान की गयी है जिससे किसानों होने वाली परेशानी से निजात मिल सके लेकिन दुकानदार के द्वारा इसके विपरीत जाकर के किसानों से खाद (डी.ए.पी. व यूरिया) की तय रेट से ज्यादा की वसूली की जा रही है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार POS मशीन मे किसानों से आधार कार्ड क नम्बर दर्ज करके उनका फिंगर लगवा करके उनकी जानकारी को दर्ज करके खाद दिया जाता है लेकिन दुकानदार  के द्वारा किसानों को उस खाद की खरीदी की न हो रसीद उपलब्ध करवाई जाती है और न ही उस खाद का सही मूल्य बताया जाता है और रसीद नहीं होने के कारण किसानों से शासन के द्वारा तय कीमत से ज्यादा मूल्य के राशि की वसूली धडल्ले से की जा रही है है जबकि किसानों से उनका आधार कार्ड का नम्बर लेकर के जब खाद दिया जाता है तो दुकानदार को शासन के द्वारा खाद बिक्री का प्रत्येक बोरी के हिसाब से सब्सिडी प्राप्त होती है लेकिन दुकानदार के द्वारा सरकारी राशि प्राप्त करने के बाद मनमानी रेट मे खाद की बिक्री की जा रही है 


*किसानों को नहीं दी जा रही है खाद की रसीद*


किसानों से आधार कार्ड के द्वारा POS मशीन मे फिंगर लगवाने के बाद मशीन से निकलने वाले रशीद मे शासन के द्वारा तय रेट दर्ज होने के कारण दुकानदार के द्वारा गायब कर दिया जाता है और किसानों को उस खाद के वास्तविक कीमत को दवा दिया जाता है और अपनी मनमर्जी की राशि की वसूली की जाती है 


*क्या होंगी कार्यवाही*


किसानों के साथ हो रहे रहे इस तरह की खुली लूट मे कोई रोक लगेगा या इसी तरह से किसानों से खुलेआम लूट निरंतर जारी रहेगी यही सवाल भोले भाले किसानों व ग्रामीणजनों के मन मे बारबार घूम रहा है

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