मुलताई के तथाकथित भाजपा के छूट भइया नेता के सामने अमृत सरोवर तालाबों की जानकारी मांगने पर तिलमिलाए दलाली खाने का आरोप लगाते हुए मचाई खलबली !
बैतूल ऊष्मा की आवाज
ग्रामीण यांत्रिकी विकास विभाग उपसंभाग मुलताई में उस समय हड़कंप मच गया जब आमला के आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा अमृत सरोवर तालाब निर्माण से संबंधित विभिन्न प्रकार के घोटाले से सम्बंधित आठनेर मुलताई प्रभात पट्टन आमला विकास खंड में हुए तालाबों के निर्माण कार्य करने से संबंधित जानकारी दिशा निर्देश डीपीआर से लेकर बिल वाउचर और उसके निर्माण कार्यों में जो तकनीकी खामियां निकल कर सामने आ रहीं और अमृत सरोवर तालाबों पर वे वस्तुस्थिती नहीं देखी जा रही है और जिस उद्देश्य से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू किया था और इससे जनता खासकर किसानों बेरोजगार युवाओं के लिए सैकड़ो फायदे गिनाए गए थे जैसे की जिस क्षेत्र में तालाब निर्माण किया जाएगा उस क्षेत्र के किसानों की आय 10 गुना तक बढ़ जाएगी क्योंकि क्षेत्र में सिचाई का रकबा कई हेक्टेयर तक बढ़ जाएगा और चारों ओर पानी ही पानी रहेगा जिससे कि किसानों को चिल्लाती गर्मी में भी पानी की दिक्कत औऱ किल्लत नहीं होगी वो पूरे मौसम भर सिंचाई खेती कर सकेंगे सभी मौसम में खेती हो सकेगी और सारे मौसम में किसान सब्जियों फसल अनाज का उत्पादन कर सकेंगे अमृत सरोवर तालाब में ग्राम पंचायतों की आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी ग्राम पंचायते ठेकेदार सहकारी समितियो के माध्यम से ठेके पर देकर राजस्व इकट्ठा करके गाँव का विकास करेगी सिंघाड़े की खेती की जाएगी अमृत सरोवर के माध्यम से पंचायत की आय बढ़ने से पंचायत के माध्यम से बेरोजगारों युवाओं युवतियों को रोजगार मिलेगा ऐसे तमाम लच्छेदार भाषण और लुभावनी योजनाओं का झुनझुना पकड़ा कर अमृत सरोवर का निर्माण कराने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जिले में सबसे ज्यादा तथाकथित भाजपा नेताओं ने ठेकेदारी करते हुए पलीता लगाया हैं क्षेत्र के अधिकांश अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए ना उस क्षेत्र के किसानों को अमृत सरोवर तालाबों में सिंचाई के लिए भरपूर मात्रा में पानी मिला है ना सिचाई का रकबा बड़ा गांव के बेरोजगारों को रोजगार वे आज भी बेरोजगार गांव में घूम रहे न पंचायत ने अपनी आय बढ़ाकर गांव में विकास कार्यों को किया जिले में यह योजना जिस उद्देश्य के लिए लाई गई उसक कोई औचित्य बाकी नहीं रहा न रोजगार पैदा हुआ ना बेरोजगारी दूर हुई न सिंघाड़े की खेती हुई ना उसे क्षेत्र का कोई विकास हुआ विकास तो केवल उस क्षेत्र में कार्य कराने वाले ठेकेदारों सेक्टर प्रभारी अधिकारियों तकनीकी अमले एसडीओ इंजीनियरो को हुआ जिन्होंने इस योजना के बलबूते अकूत संपत्ति बनाकर पूरी योजना की दुर्गति कर दी यह लोग करोड़ों के बिल वाउचर पास करके कुछ फुर हो चुके कुछ फुर होने के चक्कर में रुके हुए हैं जनता के पूरे पैसों की बंदरबाट कर डाली लेकिन क्या मजाल है कि कोई जनप्रतिनिधि ईमानदार अधिकारी इस पर बोल दे या या ऐसे भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों तकनीकी अमलों एसडीओ इंजीनियरों के पूरे तालाबों निर्माण कार्यों की जांच करा दे उनकी अकूत संपत्तियों की जांच कर दे और जेल भेज दे ऐसी सभी जानकारियों का काला चिठ्ठा उजागर करने की मंशा से आरटीआई कार्यकर्ता जब मुलताई कार्यालय में आवेदन लगाने पहुंच तो कार्यालय में दलाल नुमा बैठे छूट भैया नेताओं ने इस पर आरोप लगाते हुए यह तक कह दिया कि यह तो कुछ पैसों के लिए जानकारी मांगी जा रही है जबकि उस छूट भैया नेता को यह तो खयाल रखना चाहिए था कि वे अपने आका अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो ईमानदारी का गुण गान करते नहीं थकते उनका जरा भी ख्याल नहीं रखा और अगर वे भी इतने ही ईमानदार थे तो ऐसे भ्रष्टाचार गड़बड़ काम करने से क्यों नहीं रोका जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है क्षेत्र की जनता और देश में टैक्स चुकाने वालों के टैक्स के रुपयो को जमा करने पर ऐसी तमाम योजनाओं को जमीन पर लाकर अमलीजामा पहनाया जाता हैं किंतु उसका दुरुपयोग सिर्फ भ्रष्टाचार करने की मंशा से किया जा रहा है अगर अमृत सरोवर तालाबों के मामले में जिले में सूक्ष्म एवं उच्च स्तरीय जांच अगर की जाती है तो कई तथाकथित वरिष्ठ अधिकारी तकनीकी अमले एसडीओ इंजीनियर सब बेनकाब हो जाएंगे जिनका पूरा काला चिठ्ठा सामने आ सकता हैं जिसकी भरपाई इनकी तनख्वाह और अकूत संपत्तियों को बेचकर वसूली और भरपाई की जा सकती हैं अम्रत सरोवर तालाबों में हुए फर्जीवाड़े भ्रष्टाचार का किस्सा समाप्त हो सकता हैं