भ्रष्टाचार की भेट चढ गए अटल आश्रय योजना के आवास

ऊष्मा की आवाज
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भ्रष्टाचार की भेट चढ गए अटल आश्रय योजना के आवास 


निर्माण के पूर्व हो गए खंडहर में तब्दील अटल आश्रय योजना के आवास

शासन की महत्वाकांक्षी योजना से हितग्राहियों का मोह हुआ भंग


आवास निरस्त करवाने हेतु होशंगाबाद डिवीजन के काट रहे चक्कर अपना पैसा वापस मांग रहें


बैतूल  


बैतूल जिले में करीबन सात साल का अरसा बीत चुका है लेकिन बैतूल के दिहाड़ी मजदूरों का गाजियाबाद के ठेकेदारों का रूप धारण करके आए डकैतों ने आदिवासी क्षेत्रों में रोज़ी रोटी के संकट से गुजरने वाले मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर शोषण किया गया उनकी मजदूरी पर डाका डाल ऐसी परिस्थिति निर्मित कर डाली की उन्हें अन्य प्रदेशों काम की तलाश में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा आज तक मजदूर अपनी मजदूरी पैसा पाने के लिए ठेकेदारों और गृह निर्माण अधोसंरचना विकास मंडल संभाग होशंगाबाद के चक्कर काटने को मजबूर है लेकिन विभागों के प्रमुख कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदारो के हौशले बुलंद हैं जिसके कारण उन गरीब मजलूम मजदूर परिवारों का मजदूरी भुगतान विभाग आज तक नहीं करा पाया इन गरीब मजदूरों की मजदूरी पर डाका डालकर ऐशो आराम करने वाले अधिकारियो को कैसे नींद आती होंगी उनके बच्चे बदुआ दे रहे जिसका नतीजा है कि सात साल बाद भी विभाग का इतना बड़ा प्रोजेक्ट धरा का धरा रह गया आईए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा। 

जिले के सब डिवीजन मध्य प्रदेश अधोसंरचना विभाग होशंगाबाद के अंतर्गत बैतूल जिला मुख्यालय से महज 7 कि मीं की दूरी पर अटल आश्रय योजना में 40 इ डबल्यू एस और 36 एल आई जी मकानों का निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन ठेकेदार की लापरवाही और अधिकारियों की कमीशन खोरी के चलते काम लंबा खींचा जा रहा है । ठेकेदार अमित गुप्ता और अमित मित्तल दोनो गजिया बाद उत्तरप्रदेश के निवासी है जिन्हे विभाग ने बैतूल और इटारसी के काम दिए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 30% कमीशन विभागीय अधिकारियों का तय है विभाग में कई शिकायते होने के बाद भी इन लोगो के खिलाफ कोई कारवाही नही की गई है । इन लोगो को विभाग ने अपने लाभ के चलते तत्कालीन विभागीय अधिकारियों ने इन्हे टेंडर दिया। जो 1करोड़ 35 लाख रुपए की लागत से बनना है इन्ही केद्वारा इटारसी के दो टावर का निर्माण विगत दो साल में भी नही हुआ है आखिर इटारसी का टेंडर निरस्त कर दिया गया । लेकिन बैतूल के टेंडर में इतनी देरी क्यों । 

15 अगस्त 2018 में भोपाल और दिल्ली की टीम ने सर्वे करने पर ठेकेदार को आगाह किया की काम समय सीमा में हो । लेकिन आला अधिकारी की साठ गांठ से काम चल रहा है । काम गुणवत्ता हीन हो रहा है बार बार शिकायत होने पर जिले के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देते है ।

ठेकेदार अमित गुप्ता और अमित मित्तल ने कई मजदूरों का भुगतान नहीं किया गया है और पेटी पर काम लेने वालो का भुगतान नहीं किया गया । जिसका जिला श्रम विभाग में शिकायत दर्ज है । एस डी ओ कवड़े से कई बार मुलाकात के लिए सब डिवीजन गए लेकिन साहब हमेशा होशंगाबाद और भोपाल ही रहते है । मुख्यालय पर सिर्फ उप यंत्री श्री दलजीत सिंह ही मिल पाते है ।

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